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Showing posts from February, 2023

syllabus BEd first year ccs university meerut / BEd 1st year syllabus ccsu

 syllabus BEd first year ccs university meerut / BEd 1st year syllabus ccsu    syllabus BEd first year ccs university meerut / BEd 1st year syllabus ccsu 

पर्यावरण प्रदूषण : अर्थ, प्रकार, प्रभाव, कारण तथा रोकने के उपाय । paryavaran pradushan

 पर्यावरण प्रदूषण : अर्थ, प्रकार, प्रभाव, कारण तथा रोकने के उपाय। paryavaran pradushan  पर्यावरण के किसी भी घटक में होने वाला अवांछनीय परिवर्तन जिससे जीव जगत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है उसे प्रदूषण कहते हैं। प्रदूषण के प्रकार(Types of Pollution)-  मुख्य रूप से प्रदूषण के निम्नलिखित प्रकार हैं -  1- वायु प्रदूषण 2-ध्वनि प्रदूषण 3-जल प्रदूषण  4-मृदा प्रदूषण अब विस्तारपूर्वक वर्णन - 1- वायु प्रदूषण(Air pollution)- जब वायु में धूल,धुआँ,विभिन्न गैसें,धातुओं के अत्यंत सूक्ष्म कण आदि मिल जाते हैं और मानव व वनस्पति जगत को नुकसान पहुँचाते हैं तो इसे वायु प्रदूषण कहते हैं। वायु प्रदूषण के कारण - धुआँ- कारखानों, चलते वाहन,चालू खड़े वाहन,घरेलू धुआँ, भट्टा ,जनरेटर आदि से निकलने वाला धुआँ।        औधोगिकीकरण-इससे पारा,सीसा,जिंक,आर्सेनिक आदि धातुओं के सूक्ष्म कण निकाल कर वायु में मिल जाते हैं।   कृषि क्षेत्र- कीटनाशक व अन्य प्रकार के रसायनिक पदार्थ , विभिन्न प्रकार के खरपतवार के कण हवा में फैलकर वायु प्रदूषण फैलाते हैं।  वायु प्रदूषण का प्रभाव-...

पर्यावरण अध्ययन । paryavaran adhyyan । environmental study

पर्यावरण अध्ययन । paryavaran adhyyan  उत्पत्ति - पर्यावरण को अँग्रेजी में Environment कहते हैं , जिसकी उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के Environer शब्द से हुई है।  जिसका अर्थ होता है समस्त बाह्य दशाएँ तथा हिन्दी में इसका अर्थ होता है परि + आवरण = जिससे चारों ओर(सम्पूर्ण जगत) घिरा हुआ है। पर्यावरण में जल,वायु,मृदा,पेड़,पौधे,जीव,जन्तुसब आ जाते हैं। पर्यावरण = Ecology(पारिस्थितिकी) +Ecosystem/पारिस्थितिकी तंत्र पारिस्थितिकीतंत्र=जीवमंडल,जैविकघटक-(उत्पादक,उपभोक्ता,अपघटक),अजैविकघटक-(कार्बनिक,अकार्बनिक,भौतिक)    विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तरों को संक्षिप्त,सारगर्भित व आसान भाषा में बिन्दु बार प्रस्तुत किया जा रहा है-  पर्यावरण की प्रमुख शाखाएँ - Ecology , Ecosystem और Biosphere   Ecology(पारिस्थितिकी)  के जनक - Ernst Haeckel -1866 Deep Ecology शब्द दिया - Arne Naess ने  Ecosystem(पारिस्थितिकी तंत्र) के जनक - Arthur Tansley - 1935  Ecology में अध्ययन किया जाता है- जीवों पर वातावरण का प्रभाव तथा उनके परस्पर संबंध का...

स्मृति के प्रकार । Smriti Ke Prakar । Kinds of Memories

स्मृति -  स्मृति एक मानसिक प्रक्रिया है,इसका अर्थ पूर्व में घटित अनुभूतियों को मस्तिष्क में इकट्ठा कर रखने की क्षमता से है। स्मृति एक मनोशारीरिक प्रक्रिया भी है ।  स्मृति नाड़ी तंत्र में बने हुये हुये स्मृति चिन्हों के कारण होती है।  स्मृति में पुनरोत्पादन क्रिया पायी जाती है।     "स्मृति एक बार सीखी गयी प्रक्रिया का आवश्यकता पड़ने पर उसका प्रत्यक्ष उपयोग है " - वुडवर्थ स्मृति की अवस्थाएँ या तत्व - 1- कूट संकेतन (Coding) 2- संचयन (Retention) 3- पुनः प्राप्ति (Regenerating) स्मृति के प्रकार । Smriti Ke Prakar । Kinds of Memories- स्मृति को मुख्य रूप से तीन प्रकारों में बांटा गया है-  A-संवेदी स्मृति  B- लघुकालीन स्मृति C- दीर्घकालीन स्मृति  अब विस्तारपूर्वक वर्णन - A-संवेदी स्मृति - इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्न हैं - संवेदी स्मृति एक लघुतम अवधि वाली स्मृति है।  इसमें सूचनाओं को व्यक्ति 1 सेकेंड या उससे कम रख पता है।  इसमें उद्दीपक हट जाने के बाद भी थोड़े समय के लिए बना रहता है।  इसे संवेदी संरचना या संवेदी रजिस्टर भी कहा जाता है।...

संवेग (Emotion) अर्थ परिभाषा विशेषताएँ व प्रभाव / BEd first year

संवेग (Emotion) अर्थ परिभाषा विशेषताएँ व प्रभाव संवेग का अर्थ - अँग्रेजी भाषा में संवेग को Emotion कहा जाता है जिसका अर्थ होता है संवेग या भाव ।  Emotion शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द Emover e से हुई जिसका अर्थ होता है उत्तेजित करना । प्रत्येक संवेग में एक अनुभूति पायी जाती है साथ ही संवेग में उस समय एक गत्यात्मक तत्परता भी होती है। परिभाषाएँ - "संवेग मनुष्य में तीव्रता उत्पन्न करने वाला एक ऐसा मनोवैज्ञानिक उद्गम है जिसमें व्यवहार,चेतन,अनुभव और अंतरावय की क्रियाएँ शामिल रहती हैं।" - पी टी यंग  "संवेग क्रियाओं का उत्तेजक है" - गेल्ड़ार्ड उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि संवेग एक मानसिक प्रक्रिया है जो देखने,सुनने और स्मृति द्वारा उत्पन्न होती है । इसके एक बार उत्पन्न होने पर शरीर में बाह्य और आंतरिक दोनों प्रकार के परिवर्तन होने लगते हैं।  संवेग के विशेषताएँ-  संवेग की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं -  संवेग एक मानसिक प्रक्रिया है।  संवेग एक प्रकार की अनुभूति है।  संवेग की उत्पत्ति अचानक होती है। संवेग की उत्पत्ति मनोवैज्ञानिक कारणों के ...

सामान्य प्रायिकता वक्र क्या है और इसकी विशेषताएं क्या है? । Normal Probability Curve । NPC

  सामान्य प्रायिकता वक्र क्या है और इसकी विशेषताएं क्या है? । Normal Probability Curve । NPC  अन्य नाम - सामान्य संभाविता वक्र/गासियन वक्र/ प्रसामान्य वक्र किसी घटना के घटित होने का पूर्वानुमान ही संभाविता है और इसके लिए प्रयोग किया जाना वाले वक्र को सामान्य संभाविता वक्र कहते हैं । विशेषताएँ - NPC प्रकृतिक,जैविक या मनोवैज्ञानिक वक्र नहीं है।  NPC एक गणितीय,सैद्धान्तिक,काल्पनिक अवधारणा है। NPC आंकड़ों के सामान्य वितरण का आवृत्ति बहुभुज है। इसका आकार घंटाकार होता है। इसके मध्य में सबसे अधिक आंकड़े तथा किनारों पर सबसे कम आंकड़े पाये जाते हैं। ये सममित(Symmetrical) होता है। अर्थात इसका बायाँ और दायाँ भाग बराबर होता है। इसमें विषमता/ वैषम्य शून्य होती है। इसमें Mean, Median, Mode तीनों एक ही बिन्दु पर स्थिति होते हैं अथवा एक ही होते हैं। ये अनंतस्पर्शी(Asymptotic )होता हैअर्थात NPC कभी भी आधार रेखा (X अक्ष)को स्पर्श नहीं करता है। NPC सतत(Continuous) होता है, जिससे X अक्ष पर चर के मान की संख्या अनंत होती है। NPC के मध्य में खड़ी रेखा को भुजमान(Ordinate) कहते है, जो Mean पर अधिक...

सामाजिक अधिगम सिद्धान्त । बंडूरा अधिगम सिद्धांत । Bandura social Learning Theory

 सामाजिक अधिगम सिद्धान्त । बंडूरा अधिगम सिद्धांत । Bandura social Learning Theory  अन्य नाम- Observational learning theory / अप्रत्यक्षात्मक अधिगम(Vicarious learning) प्रवर्तक- Albert Bandura (American) इन्हे सामाजिक मनोवैज्ञानिक भी कहा जाता है ।  सिद्धांत का केन्द्रीय बिन्दु - व्यक्ति/प्राणी अवलोकन द्वारा सीखता है। मुख्य बिन्दु -  सीखने के लिए प्रत्येक प्राणी दूसरे प्राणी की नकल या अवलोकन करता है। कोई भी प्राणी यंत्र के समान अनुक्रिया नहीं करता है बल्कि अपने अनुभवों व अंतर्दृष्टि की सहायता से मौजूद विकल्पों में से किसी एक विकल्प को चुनता है।  प्राणी अपने आस-पास के वातावरण का अवलोकन करता है और उससे ही सीखता है।  अवलोकनात्मक अधिगम के अप्रत्यक्ष रूप से होने के कारण इसे अप्रत्यक्षात्मक अधिगम(Vicarious learning)भी कहा जाता है।  प्रत्यक्ष अवलोकन की अपेक्षा अप्रत्यक्ष अवलोकन अधिक प्रभावी होता है अर्थात जो कुछ हम दूसरों को देखकर,सुनकर व समझकर सीखते हैं वह अधिक प्रभावी होता है।  व्यक्ति जिन व्यक्तियों का अनुकरण करता है उन्हे निदर्श (Model) कहते हैं।...

गैने का अधिगम सिद्धान्त । अधिगम सोपानिकी । gagne's hierarchy of learning

  गैने का अधिगम सिद्धान्त । अधिगम सोपानिकी । Gagne's hierarchy of learning प्रवर्तक - RM गैने(RM Gagne)  गैने ने सीखने को 8 वर्गों में विभाजित किया और उन्हे एक अधिगम सोपानिकी (hierarchy) के रूप में प्रस्तुत किया इस सोपानिकी के आठों वर्गों में एक अंतर्निहित क्रम दिखाई देता है जिसमें प्रत्येक अगला क्रम पिछले क्रम से जटिल या उच्चतर होता जाता है, जो इसप्रकार हैं - 1- संकेत अधिगम (Signal Learning) 2- उद्दीपक-अनुक्रिया अधिगम(Stimulus-Response Learning) 3-शृंखला अधिगम(Chain-Learning) 4-शाब्दिक अधिगम(Verbal Learning) 5-बहु विभेदन अधिगम(Multiple Discrimination Learning) 6-प्रत्यय अधिगम(Concept Learning) 7-सिद्धान्त अधिगम(Principle Learning) 8-समस्या समाधान अधिगम(Problem solving Learning) गैने का अधिगम सिद्धान्त । अधिगम सोपानिकी ।Gagne's hierarchy of learning का अब  विस्तार पूर्वक वर्णन - 1- संकेत अधिगम (Signal Learning)- इसे शास्त्रीय अनुबंधन भी कहा जाता है ।क्योंकि इसमें स्वाभाविक उद्दीपक की अनुक्रिया के साथ कोई अन्य उद्दीपक अनुकूलित हो जाता है। इसमें यांत्रिक ढंग से आदतों का नि...

F परीक्षण से आप क्या समझते हैं? / what is F Test in hindi । f test formula

  F परीक्षण से आप क्या समझते हैं? / what is F Test in hindi ।  f test formula अन्य नाम - F - Test / F Ratio / ANOVA (Analysis Of Variance)  F Test प्रत्यय दिया- GW Snedecor  (Student of RA Fisher) ने।  यह एक Parametric Test है।  इसमें आंकड़ों को Score के रूप में प्रस्तुत करते हैं    F परीक्षण से आप क्या समझते हैं?  इसके द्वारा दो या दो से अधिक समूहों के माध्यों के अंतर की सार्थकता की जांच की जाती है।  यदि दो से अधिक समूहों के माध्यों के अंतर की सार्थकता की जाँच T test द्वारा करते हैं तो 10 T test लगाने पड़ेंगे जिससे समय अधिक लगेगा अतः इसकी जगह F Test का प्रयोग करते हैं।  F test या ANOVA को स्वतंत्र चर के आधार पर दो भागों में गया है -  A - Simple analysis of variance (One Way ANOVA)-  जब केवल एक स्वतंत्र चर ।  इसमें न्यादर्श(Sample)का चयन Randomly किया जाता है। इसमें स्वतंत्र चरोंकी संख्या 1 होती है। इसमें दो प्रकार का प्रसरण होता है, जिसके आधार पर इसे दो प्रकारों में बांटा गया है -   1-बाह्य प्रसरण(Betwee...

कर्ट लेविन का सीखने का क्षेत्र सिद्धान्त - सरल व्याख्या -Lewin Field Theory of Learning

  कर्ट लेविन का सीखने का क्षेत्र सिद्धान्त - सरल व्याख्या -Lewin Field Theory of Learning  अन्य नाम -संज्ञानात्मक  क्षेत्र सिद्धान्त /टोपोलोजिकल मनोविज्ञान /वेक्टर सिद्धान्त / Life space सिद्धान्त  इस सिद्धान्त में प्रयोग किए गए प्रमुख प्रत्यय-  1- क्षेत्र-   प्राणी + वातावरण( अपेक्षाओं का मनोवैज्ञानिक वातावरण प्राणी तथा वातावरण एक - दूसरे से अंतर्क्रिया करते हैं , इसमें प्राणी के  कुछ आंतरिक बल व आवश्यकताएँ होती हैं तथा वातवारण के अपने कुछ दबाव , खिचाव व मांग होती है।     2- जीवन स्पेस = वह परिधि जिसमें प्राणी मनोवैज्ञानिक व वास्तविक रूप से रहता है , सम्पूर्ण मनोवैज्ञानिक वस्तविकताए जिसमें उसके अपने विचार , अनुभव, व्यक्ति ,वस्तुएं , प्रत्यक्षण , दृष्टिकोण , मान्यताएँ , मूल्य, दवाबों आदि रहते हैं। ( प्रत्यक्षण + क्रियाएँ )  3- वेक्टर = किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्राणी अपने जीवन स्पेस में उपस्थिति क्षमताओं का उपयोग ।  4- व्यक्ति = जीवन स्पेस में उपस्थित व्यक्ति की संपूर्णता( Mind + Body + Behavior+ I , Me , My आदि शब्...