सामाजिक अधिगम सिद्धान्त । बंडूरा अधिगम सिद्धांत । Bandura social Learning Theory
अन्य नाम- Observational learning theory / अप्रत्यक्षात्मक अधिगम(Vicarious learning)
प्रवर्तक- Albert Bandura (American) इन्हे सामाजिक मनोवैज्ञानिक भी कहा जाता है ।
सिद्धांत का केन्द्रीय बिन्दु - व्यक्ति/प्राणी अवलोकन द्वारा सीखता है।
मुख्य बिन्दु -
- सीखने के लिए प्रत्येक प्राणी दूसरे प्राणी की नकल या अवलोकन करता है।
- कोई भी प्राणी यंत्र के समान अनुक्रिया नहीं करता है बल्कि अपने अनुभवों व अंतर्दृष्टि की सहायता से मौजूद विकल्पों में से किसी एक विकल्प को चुनता है।
- प्राणी अपने आस-पास के वातावरण का अवलोकन करता है और उससे ही सीखता है।
- अवलोकनात्मक अधिगम के अप्रत्यक्ष रूप से होने के कारण इसे अप्रत्यक्षात्मक अधिगम(Vicarious learning)भी कहा जाता है।
- प्रत्यक्ष अवलोकन की अपेक्षा अप्रत्यक्ष अवलोकन अधिक प्रभावी होता है अर्थात जो कुछ हम दूसरों को देखकर,सुनकर व समझकर सीखते हैं वह अधिक प्रभावी होता है।
- व्यक्ति जिन व्यक्तियों का अनुकरण करता है उन्हे निदर्श (Model) कहते हैं।
- बच्चा अपने माँ -बाप, पारिवारिक सदस्यों,दोस्तों व समाज के व्यवहार को देखता,समझता व सीखता है।
- प्राणी दूसरों के अनुभवों व व्यवहारों से सीखता है और उसे प्रयोग करता है।
1-व्यवहार को जानना तथा उसका प्रत्यक्षण करना(Attending to and perceiving the behavior)
2-व्यवहार का स्मरण करना(Remembering the Behaviour)
3-स्मृति को क्रिया में बदलना(Converting the Memory in to Action)
4- अनुकरणित व्यवहार का पुनर्बलन(Reinforcement of the imitated Behaviour)
उदाहरण - तैरना,खाना बनाना,साइकिल चलाना,कपड़े पहनना,वार्तालाप के ढंग आदि अनेक व्यवहर ऐसे है जो प्राणी समाज द्वारा ही सीखता है।
निष्कर्ष - स्कूलों में छात्रों के सामने व घरों में बच्चों के सामने यदि शिक्षक व पारिवारिकजन एक आदर्श व्यवहार प्रस्तुत करेंगे तो निश्चित रूप से ही बच्चे उस व्यवहार का अनुकरण करेंगे और एक आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण करेंगे।
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