T test - T ratio की सरल व्याख्या
अन्य नाम - tअनुपात, Student-t
ये एक Parametric टेस्ट है
इसकी व्याख्या W S Gasset ने 1908 में की थी और बाद में इसे R A Fisher ने इसे विकसित किया।
इसका उपयोग दो माध्यों ( mean ) के बीच अंतर की सार्थकता जाँचने के लिए किया जाता है।
(It is used to know the significance of difference between two means )
इसके अतिरिक्त इसका उपयोग Pearson - r , Point-biserial -r , Rank difference आदि की सार्थकता जाँचने में किया जाता है ।
T test = दो माध्यों का अंतर तथा इस अंतर की मानक त्रुटि(Standard Error) का अनुपात( Ratio) होता है
सूत्र (Formula) _ _
X1 - X2
T = --------------
sigma D
or T = mean difference / sigma D
T = T -test
X1 = Mean of 1st Sample
X2 = Mean of 2nd Sample
sigma D = Standard error of difference between two means
T test के प्रयोग के लिए sample size छोटा होना चाहिए ।
Sample distribution सामान्य होना चाहिए ।
प्रसारण की समजातीयता होनी चाहिए (Homogeneity of variance) - इसे SD square भी कहा जाता है ।
प्रथम समूह का SD square = दूसरे समूह का SD square
T test का प्रयोग निम्न तीन परिस्थितियों में सर्वाधिक होता है -
1- जब दोनों समूह जिनके माध्य (Mean ) के अंतर सार्थकता( significance) जाँचनी होती है -वे स्वतंत्र होते हैं ।
2- जब दोनों समूह जिनके माध्य (Mean ) के अंतर सार्थकता( significance) जाँचनी होती है -वे सहसम्बन्धित होते हैं ।
3-जब दोनों समूह जिनके माध्य (Mean ) के अंतर सार्थकता( significance) जाँचनी होती है -वे सुमेलित होते हैं ।
इसका आधार दोनों समूहों के N या फिर माध्य (Mean ) तथा मानक विचलन (SD) भी हो सकता है ।
Comments
Post a Comment