What is research data tools? in hindi - data collection tools -UGC NET । शोध में आँकड़े संग्रह की विधियाँ
शोध समस्याओं का वैज्ञानिक रूप से अध्ययन करने के लिए और उससे संबन्धित आंकड़े इकट्ठे करने के लिए एक प्रश्न उठता है कि शोध में आंकड़ें एकत्र करने के लिए कौन-कौन सी विधियाँ हैं ? What is research data tools? इसकी प्रमुख विधियां इस प्रकार हैं -
संक्षेप में / In Short -
1- प्रेक्षण विधि Observation Method
2- रेटिंग मापनी Rating Scale
3- प्रश्नावली अनुसूची Questionnaire and Schedule
4- साक्षात्कार Interview
5- केस अध्ययन विधि / Case Study Method
6- विषय विश्लेषण Content Analysis
7- समाजमितिक विधि Sociometrical method
8-प्रक्षेपीय विधि / Projective method
9-अर्थगत विभेदक मापनी / Semantic Differential Scale
10- क्यू सार्ट विधि Q- Sort method
विस्तार पूर्वक वर्णन / In Detail-
1- प्रेक्षण विधि / Observation Method -
इस विधि में शोधकर्ता व्यक्ति के व्यवहार / घटनाओं के दृश्य और श्रव्य पक्षों क्रमबद्ध ढंग से देख , सुनकर उसका रिकार्ड तैयार करता है। इसमें शोध कर्ता ये देखता है कि लोग क्या कर रहे हैं ? और क्या कह रहे हैं ? इन सभी बातों का वह रिकार्ड तैयार कर लेता है,जिसका बाद में वह संख्याकीय विश्लेषण करके एक निष्कर्ष निकालता है। प्रेक्षण में प्राणी के व्यवहार का - selection - stimulation - recording - coding की जाती है
- इसमें प्राणी व्यवहार का अध्ययन विशिष्ट / स्वाभाविक वातावरण में किया जाता है ।
- प्रेक्षण करते समय प्रेक्षण कर्ता कभी कभी यंत्रो का भी सहारा लेता है ।
A - नियंत्रित प्रेक्षण B - अनियंत्रित प्रेक्षण C - सहभागी प्रेक्षण D - असहभागी प्रेक्षण E - वर्गीकरण
A - नियंत्रित प्रेक्षण / Controlled observation / systematic observation -
- इसमें एक निश्चित व स्पष्ट नियम के अनुसार प्रेक्षण किया जाता है ।
- इसकी नियमावली वैज्ञानिक एवं तार्किक होती है ।
- इसे systematic observation भी कहते है ।
- ये वैज्ञानिक व वस्तुनिष्ठ होता है ।
- इसे पूर्व योजना बनाकर पूरा किया जाता है ।
- इसका उद्देश्य वस्तुनिष्ठ , वैध व विश्वसनीय आंकड़ों को एकत्र करना होता है ।
- इसका उपयोग - शिक्षा , मनोविज्ञान समाजशास्त्र आदि विषयों में अधिक होता है ।
- इसमें एक निश्चित व स्पष्ट नियम के अनुसार प्रेक्षण नहीं किया जाता है ।
- इसकी नियमावली वैज्ञानिक एवं तार्किक नहीं होती है ।
- इसे unsystematic observation / naturalistic observation भी कहते है ।
- ये वैज्ञानिक व वस्तुनिष्ठ नहीं होता है ।
- इसे पूर्व योजना बनाकर पूरा नहीं किया जाता है ।
- इसका उद्देश्य मात्र आंकडों को एकत्र करना होता है ।
- इसका उपयोग - समाज शास्त्र व मानव शास्त्र आदि विषयों में अधिक होता है ।
- इसमें व्यक्ति जिस समूह का प्रेक्षण करना होता है उसमें अपनी पहचान छुपाकर स्वयं शामिल होकर उनके क्रिया कलाप में हाथ बँटाता है और उनका निरीक्षण भी करता है ।
- इसका उद्देश्य वस्तुनिष्ठ प्रेक्षण करना होता है।
- इसमें व्यक्ति किसी समूह का पूर्ण कालिक या अंशकालिक सदस्य बनकर भी आंकड़े जूता सकता है ।
- इसके परिणाम अपेक्षाकृत विश्वसनीय होते हैं
- इसमें परिस्थिति स्वाभाविक होती है
- ये संगठित या असंगठित/ structured / unstructured होता है ।
- इसमें व्यक्ति जिस समूह का प्रेक्षण करना होता है स्वयं शामिल नहीं होता है लेकिन उनके साथ बैठकर ही निरीक्षण करता है ।
- उनके क्रिया कलाप में हाथ नहीं बँटाता है और लेकिन उनका निरीक्षण करता है ।
- इसका उद्देश्य मात्र प्रेक्षण करना होता है।
- इसमें व्यक्ति किसी समूह का पूर्ण कालिक या अंशकालिक सदस्य बनकर भी आंकड़े जूता सकता है ।
- इसके परिणाम अपेक्षाकृत विश्वसनीय होते हैं
- इसमें परिस्थिति स्वाभाविक होती है
- ये संगठित या संचरित structured होता है ।
- इसमें प्रेक्षण कर्ता व्यक्तियों के व्यवहारों को विभिन्न वर्गों में बांटता है और उसका रिकॉर्ड करता है ।
- वर्गिकरण शोध समस्या की प्रकृति पर निर्भर करती है
- इस विधि इकट्ठे किए गए आंकड़े अधिक विश्वसनीय होते हैं।
- ये सर्वाधिक लोकप्रिय मापनी है ।
- इसमें रेखा ग्राफ का प्रयोग किया जाता है
- इसमें कोई संख्यात्मक मान नहीं होता है
- ये प्रकार की होती है खड़ी रेखा (Vertical lines ) व पड़ी रेखा ( Horizontal line )
- ये अपरिपक्व रेटिंग ( Crude Scale ) मापनी है ।
- इसमें प्रेक्षक पहले से तैयार किए गए विभिन्न प्रतिशत समूहों ( percentage group ) या Percentile Group में व्यक्तियों को रख कर rating करता है ।
- इसमें पहले से कुछ मानक (Standard) प्राप्त होते हैं ।
- इसकी Scale Value पहले से निर्धारित रहता है
- यहाँ वस्तुओं का मिलान rating से किया जाता है
- ये मानक प्रत्येक क्षेत्र में निर्धारित किए जाते हैं
- इसमें observer व्यक्तियों Scale के सभी एकांशों (items) पर rate करता है और बाद उन सभी ratings को जोड़ लेता है इसी को Total score कहते हैं
- इसके दो मुख्य प्रकार बताए गए हैं -I -Check List Method, II - Guess - who technique
- ध्यान दें - इसमें Halo Effect ( किसी व्यक्ति को अपने सम्बन्धों या रुचि के अनुसार अत्यधिक अच्छी या खराब रेटिंग देना ) नियंत्रण में रहता है ।
- ध्यान दें - Rating Scale और Rank Order Scale दोनों में काफी समानता है लेकिन इसमें Rating Scale को श्रेष्ठ माना गया है ।
- अनुसूची प्रश्नो की एक सूची होती है ।
- लेकिन इन प्रश्नों को उत्तर देने वाल नहीं पढता है बल्कि शोध करने वाला इन्हे स्वयं पढ़कर सुनता है और प्रश्न पूछता है ।
- शोधकर्ता दिये गए उत्तरों को नोट कर लेता है ।
- अनुसूची के प्रयोग के लिए आमने सामने की परिस्थिति (Face to Face) होना अनिवार्य शर्त है ।
- इसमें शोधकर्ता तैयार किए गए प्रश्नों को व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह से स्वाभाविक परिस्थिति में प्रश्न पूछता है और उनके व्यवहारों का निरीक्षण करता है ।
- इससे व्यक्ति के जीवन इतिहास को समझने में सहायता मिलती है ।
- इस्न प्रश्नों की संख्या व क्रम निश्चित होते हैं ।
- इसे structured interview, standardized interview में भी प्रयोग करते हैं ।
- प्रश्नों कि भाषा सरल , सुगम व एक अर्थ वाली होनी चाहिए ।
- प्रश्न वैज्ञानिक व वस्तुनिष्ठ होने चाहिए ।
- अनुसूची तीन भागों में बंटी होनी चाहिए - A प्रारम्भिक भाग ,B - मुख्य भाग , C - निर्देश भाग ।
- प्रश्न हमेशा मुख्य भाग में होने चाहिए ।
- प्रश्नावली data collection की indirect विधि है , जबकि अनुसूची direct विधि है ।
- प्रश्नावली में उत्तर लिखित में लिए जाते हैं जबकि अनुसूची में मौखिक उत्तर लिए जाते हैं ।
- प्रश्नावली से इकट्ठा लिया गया data अधिक विश्वसनीय नहीं होता है जबकि अनुसूची के द्वारा लिया गया data अधिक विश्वसनीय होता है ।
- साक्षात्कार में प्रश्नों के उत्तर शाब्दिक रूप से दिये जाते हैं ।
- साक्षात्कार में साक्षात्कार लेने वाला व्यक्ति सूचनाएँ एकत्र करता है
- इसका उद्देश्य व्यक्ति के असामान्य व्यवहार के पीछे का कारण का पता लगाना व उसका मनोवैज्ञानिक उपचार करना होता है ।
- इसमें साक्षात्कार लेने वाला व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति भावनाओं , संघर्षों , घटनाओं आदि के बारे मे गहनता से बातचीत करता है ।
- इसका उद्देश्य किसी समस्या से संबन्धित आंकड़े जुटाने में किया जाता है ।
- इसका उद्देश्य किसी मनोवैज्ञानिक रोग का पता लगाने के लिए किया जाता है ।
- इसमें मनोवैज्ञानिक और रोगी आमने -सामने बैठकर किसी समस्या पर गहनता से बात करते है ।
- इसमें किसी पद के लिए चयन किए जाने व्यक्ति का साक्षात्कार लिया जाता है ।
- इसमें उसकी क्षमता , मनोवृत्ति, व अनुभव का पता लगाना होता है ।
- इसका उद्देश्य उन लोगों से जानकारी लेना होता है जिन्होने किसी घटना , चलचित्र , मैच आदि देखा हो और उनका विश्लेषण किया हो ।
- इस साक्षात्कार में एक Interview Guide भी होती है जिसमें दो बातें लिखीं होती हैं 1- पुछे जाने वाले प्रश्नों के क्षेत्रों का उल्लेख 2- उन सभी परिकल्पनाओं का उल्लेख जिनके लिए साक्षात्कार के आधार पर आंकड़े जुटाने हैं ।
- ये पूर्ण रूप से Interview देने वाले व्यक्ति की अनुभूतियों, अनुभव , विचार पर केन्द्रित होता है ।
- इसमें प्रश्नो को एक निश्चित क्रम मे लिखा जाता है और उसी क्रम में पूछा भी जाता है ।
- साक्षात्कार देने वाले सभी व्यक्तियों से एक जैसे ही प्रश्न पूछे जाते है।
- प्रश्न पूछने का तरीका मानकी कृत होता है ।
- इसके परिणामों की विश्वसनीयता अधिक होती है।
- इसमें प्रश्नों का क्षेत्र , प्रश्न पूछने वाला , उत्तर देने वाला , प्रश्नों का क्रम और प्राप्तांक लेखन ( scoring ), समय सीमा सब पहले से ही निश्चित होता है ।
- इसमें flexibility का अभाव होता है
- इसमें प्रश्नो को एक निश्चित क्रम मे नहीं लिखा जाता है और न ही उसी क्रम में पूछा भी जाता है ।
- साक्षात्कार देने वाले सभी व्यक्तियों से एक जैसे नहीं प्रश्न पूछे जाते है।
- प्रश्न पूछने का तरीका मानकीकृत नहीं होता है ।
- इसके परिणामों की विश्वसनीयता कम होती है।
- इसमें प्रश्नों का क्षेत्र, प्रश्न पूछने वाला , उत्तर देने वाला , प्रश्नों का क्रम और प्राप्तांक लेखन ( scoring ) , समय सीमा सब पहले से ही निश्चित नहीं होता है ।
- इसमें flexibility होती है ।
- इसमें स्वाभाविकता ( spontaneity ) का गुण पाया जाता है ।
- इसमें किसी सामाजिक इकाई ( एक व्यक्ति ,एक परिवार , एक संस्था , एक समुदाय , एक घटना , एक नीति , एक संगठन , एक संस्कृति आदि ) के जीवन की विकासात्मक घटनाओं का शोध व विश्लेषण किया जाता है ।
- इसमें एक सीमा ( boundary) निश्चित होती है ।
- इसमें सामाजिक इकाई के एकात्मक रूप को टूटने नहीं दिया जाता है ।
- इसमें जिस इकाई का अध्ययन किया जाता है उसका एतिहासिक घटना चक्रों का अध्ययन किया जाता है और उनका रेकॉर्ड तैयार किया जाता है ।
- इसमें चुनी हुई सामाजिक इकाई का क्या ? तथा क्यों ? दोनों पक्षों का अध्ययन , वर्णन व व्याख्या दोनों को किया जाता है ।
- इस विधि में दो इकाईयों को एक साथ लेकर तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है ।
- इसमें आत्मनिष्ठता अधिक पायी जाती है ।
- इसमें जोड़ -तोड़ नहीं किया जा सकता है
- ये एक वैज्ञानिक प्रविधि ( Technique ) है ।
- ये चरों को मापने के लिए संचारों( Communications ) का क्रमबद्ध , वस्तुनिष्ठ , परिमाणात्मक विश्लेषण है
- इसमें observation , Interview , Questionnaire , schedule जैसी कोई technique प्रयोग में नहीं लायी जाती है बल्कि इसमें शोध कर्ता संबन्धित व्यक्तियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उससे संबन्धित दस्तावेजों (डॉक्युमेंट्स)का विश्लेषण करता है और निष्कर्ष पर पाहुचता है ।
- इस विश्लेषण की सामग्री ( डायरी , चित्र , drawing ,cartoon) आदि होती है ।
- ये क्रमबद्ध , वस्तुनिष्ठ , व परिमणात्मक (Quantitative ) प्रविधि है ।
- विषय वस्तु विश्लेषण में आंकड़ों के प्राथमिक स्रोत (चिट्ठी ,आत्मकथा , डायरी , किताब, जर्नल , पाठ्यक्रम , कोर्ट निर्णय , तस्वीर , फिल्म , कार्टून आदि प्रमुख हैं ।
- इसके प्रमुख उद्देश्य -वर्तमान हालातों एवं प्रचलनों का पता लगाना तथा उनकी व्याख्या करना । छात्रों के कार्यों में विभिन्न तरह की त्रुटियों का पता लगाना व विश्लेषण करना ।
- पाठ्य पुस्तकों के कठिनाई स्तर का पता लगाना ।
- इसका प्रयोग आश्रित चर पर स्वतंत्र चर के कारण पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाता है ।
- इसमें समूह का प्रत्येक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का चयन / मनोनीत किसी खास श्रेणी के लिए करता है ।
- ये समाज या समूह के सदस्यों का एक दूसरे के प्रति Acceptance या Rejection के द्वारा समूह की संरचना , सामाजिक पद , व व्यक्तिशील गुणों का अध्ययन किया जाता है ।
- इसके द्वारा समूह का संरचनात्मक विश्लेषण संभव है ।
- इसके द्वारा समूह के परस्परिक सम्बन्धों का जो रेखा चित्र (Diagram ) बनता है उसे समाजमितिक चित्र (Sociogram) कहा जाता है ।
- इसमें समूह की पसंद की वस्तुओं या संख्याओं का वर्गाकार प्रदर्शन ( Square Array ) होता है ।
- इसका सूत्र = n X n = होता है । ( n = numbers of members in a group )
- Column और Row मे सदस्य संख्या बराबर होती है ।
- इस विधि मे समूह के सदस्यों के द्वारा एक -दूसरे के प्रति पसंद या नापसंद को एक ग्राफ केआर द्वारा सादा कागज पर चित्र बनाकर दिखाते हैं ।
- ये छोटे समूह जिसकी संख्या 20 से कम होती है उसके लिए उपयोगी होता है ।
- ये sociometric matrix की तुलना में सरल होता है ।
- इसमें समूह के कुछ Index ज्ञात करके समूह के सदस्यों के अंतर- वैयक्तिक सम्बन्धों का अंदाज मिलता है ।
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