Skip to main content

What is Motivation And Motives in hindi - अभिप्रेरणा एवं अभिप्रेरक

 What is Motivation And  Motives in hindi - अभिप्रेरणा एवं अभिप्रेरक

Motivation ( अभिप्रेरणा ) -

एक ऐसी परिकल्पनात्मक प्रक्रिया जो प्राणी के व्यवहार के निर्धारण व संचालन से संबंध रखती है । ये एक प्रकार की अदृश्य आंतरिक शक्ति होती है । 

अभिप्रेरणा क्यों के प्रश्न का उत्तर देती है । 

Motivational  Factor( अभिप्रेरणात्मक कारक )  - 

प्राणी व्यवहार को अनुप्रेरित , सक्रिय , प्रारम्भ अथवा बनाए रखने वाले कारकों को अभिप्रेणात्मक कारक          ( Motivational  Factor ) कहा जाता है । 

परिभाषाएँ -

गुड के अनुसार - "अभिप्रेरणा किसी कार्य को प्रारम्भ करने , जारी रखने  एवं नियंत्रित करने की प्रक्रिया है " 

"Motivation is the process of arousing , sustaining and regulating the activity"   -  Good 

मैक्डोनल्ड के अनुसार - " अभिप्रेरणा व्यक्ति के अंदर ऊर्जा परिवर्तन है जो भावात्मक जागृति तथा पूर्व अपेक्षित उद्देश्य अनुक्रियाओं से निर्धारित होता है " 

एट्किंसन के अनुसार - अभिप्रेरणा का संबंध किसी एक अथवा अधिक प्रभावों को उत्पन्न करने के लिए कार्य करने की पृवृत्ति को उदद्वेलित करता है । 

ड्रेवर के अनुसार- अभिप्रेरणा एक भावात्मक क्रियात्मक कारक है जो चेतन अथवा अचेतन ढंग से निर्धारित परिणाम अथवा लक्ष्य की ओर व्यक्ति की व्यवहार की दिशा को निर्धारित करने के लिए क्रिया शील रहता है । 

उपरोक्त आधार पर कह सकते हैं कि- 

  • अभिप्रेरणा वह आंतरिक स्थिति अथवा तत्परता की  स्थिति है  जो  एक निश्चित दिशा में  किसी व्यवहार को करने के प्रवृत्त करती है । 
  • अभिप्रेरणा में व्यक्ति का व्यवहार लक्ष्य निर्धारित होता है ।
  • अभिप्रेरणा व्यक्ति में ऊर्जा परिवर्तन लाती है ।
  • अभिप्रेरित अवस्था में व्यक्ति अधिक उत्तेजित , क्रियाशील , व ऊर्जित होता है । 
  • अभिप्रेरित व्यवहार की प्रकृति चायनात्मक होती है । 
  • अभिप्रेरित व्यवहार में निरंतरता  होती  है । 
  • अभिप्रेरणा का तनाव ही व्यक्ति को सकारात्मक दिशा में प्रयास करने को अग्रसारित करता है  
Components Of Motivation ( अभिप्रेरणा के संघटक ) - 

1- Need / आवश्यकता - ये मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं -

  • Biological Needs / जैविकीय आवश्यकताएँ - भोजन ,जल ,हवा ,आराम ,मल- मूत्र  विसर्जन, काम आदि । 
  • Psycho - Social Needs /  मानो  -सामाजिक आवश्यकताएँ -  सुरक्षा , स्नेह , सम्मान, संप्राप्ति ,सामाजिक स्वीकृति, सनिध्य अभिव्यक्ति आदि । 
2- Drive / चालक / अंतर्नोद - 

- आवश्यकताएँ अंतर्नोद को जन्म देती है 

अंतर्नोद किसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए  कार्य करने को प्रेरित करता  है । जैसे भोजन एक आवश्यकता है और भूख एक अंतर्नोद  है जो भोजन प्राप्ति के लिए हमें क्रियाशील बनाता है । 

3- Incentives / प्रोत्साहन -  जिस वस्तु से आवश्यकता की पूर्ति अथवा  अंतर्नोद की समाप्ति होती है उसे प्रोत्साहन कहते हैं । 

प्रोत्साहन वह उद्दीपक (stimulus )है जो अंतर्नोद या अभिप्रेरक को जागृति करता है । 

हिलगार्ड सूत्र( Hilgard Formula ) -  आवश्यकता( भोजन )  - अंतर्नोद ( भूख ) - प्रोत्साहन ( भोजन मिलना )            ( Need - Drive - Incentive )  

Motives / अभिप्रेरक - 

अभिप्रेरक प्राणी को विशिष्ट प्रकार के व्यवहार अथवा क्रिया को करने के लिए उत्तेजित करते हैं ।

  • अभिप्रेरक के अंतर्गत आवश्यकता , अंतर्नोद , व प्रोत्साहन जैसे शब्द समाहित रहते  हैं  । 

अभिप्रेरक के कार्य - 

1- क्रिया को प्रारम्भ करना । 

2- क्रियाओं को गति देना । 

3- उद्देश्य प्राप्ति तक क्रियाओं की निरंतरता को बनाए रखना । 

परिभाषा - 

मैकडूगल के अनुसार - " अभिप्रेरक व्यक्ति के अंदर वे दैहिक तथा मनोवैज्ञानिक दशाएँ हैं जो उसे एक निश्चित ढंग से कार्य करने को प्रवृत्त करती हैं । 

अभिप्रेरकों के प्रकार -

1- जन्मजात अभिप्रेरक ( Innate Motives ) - ये व्यक्ति में जन्म से पाये जाते हैं - भूख , प्यास , नींद  विश्राम आदि ।   

2-अर्जित अभिप्रेरक ( Acquired Motives ) - इन्हे प्राणी अपने प्रयासों से प्राप्त करता है । -                       जैसे - सामाजिक प्रतिष्ठा , रुचि  आदि  । 

3-स्वाभाविक अभिप्रेरक ( Natural Motives ) - ये व्यक्ति के स्वभाव में पाये जाते हैं । जैसे - खेलना , सुख प्राप्त करना आदि । 

4-कृत्रिम अभिप्रेरक ( Artificial Motives ) - ये स्वाभाविक  अभिप्रेरकों  के पूरक हैं  , इनका प्रयोग व्यवहार को नियंत्रित करने , प्रोत्साहित करने तथा दिशा देने के लिए किया जाता है ।  जैसे - पुरस्कार , प्रसंशा , दंड आदि।  

5- जैविक अभिप्रेरक ( Biogenic Motives ) - इसमें संवेगों को रखा गया है । जैसे - क्रोध ,प्रेम ,भय आदि । 

6-मनोवैज्ञानिक अभिप्रेरक ( Psychogenic Motives ) - ये मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं के फलस्वरूप उत्पन्न होते हैं ।  जैसे - रचनात्मकता , जिज्ञासा , पलायन आदि । 

7-सामाजिक अभिप्रेरक ( Sociogenic Motives ) - ये सामाजिक मान्यताओं , सम्बन्धों , परिस्थितियों , आदर्शों आदि के कारण उत्पन्न होते हैं । जैसे - प्रतिष्ठा , सुरक्षा , संगृह आदि । 

8-प्राथमिक / दैहिक  अभिप्रेरक ( Primary / Physiological Motives ) - ये प्राणी की दैहिक आवश्यकताओं से संबन्धित होते हैं । जैसे - भूख , प्यास , काम आदि । 

9- द्वितीयक  / मनोवैज्ञानिक अभिप्रेरक ( Psychological Motives ) - ये प्राणी की मनोवैज्ञानिक आवश्यकता से संबंध रखते हैं । जैसे - जिज्ञासा , स्वीकृति आदि । 

  • दैहिक अभिप्रेरक ( प्राथमिक )  -   इसके अंतर्गत जन्मजात, स्वाभाविक एवं जैविक अभिप्रेरक आते हैं । 
  • मनोवैज्ञानिक अभिप्रेरक ( द्वितीयक )  - इसके अंतर्गत अर्जित , कृत्रिम एवं सामाजिक अभिप्रेरक आते हैं ।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Types of research with examples in hindi-शोध के प्रकार -UGC NET

Types of research with examples in hindi-शोध के प्रकार    शोध एक व्यापक व अन्तः विषय (Inter disciplinary) विषय है  ।  शोध के विभिन्न प्रकारों के बीच काफी  परस्पर व्यापकता (overlapping)  है ।  अनुसंधान के विभिन्न प्रकारों का निम्न 6 आधारों पर वर्गीकरण  किया जा सकता है  -     (संक्षेप में / In Short) A परिणाम के आधार पर (On the basis of Output)- 1- मौलिक / प्राथमिक / आधारभूत/ शुद्ध शोध /fundamental / Primary / Basic/ Pure Research  - 2- व्यावहारिक / प्रयुक्त शोध /Applied Research 3- क्रियात्मक शोध / Action Research  B  उद्देश्यों के आधार पर -(On the basis of Objectives) 1- वर्णनात्मक / Descriptive शोध  इसके निम्न प्रकार होते हैं - I - घटनोत्तर / Ex - post Facto Research  II - एतिहासिक / Historical Research  III -विश्लेषणात्मक / Analytical Research  2- सहसंबंध शोध / Correlation Research 3- व्याख्यात्मक / Explanatory Research  4- अनुसंधान मूलक / समन्वेशी  / Exploratory Research  5- प्रय...

What are variables in research? । चरों के प्रकार

What are variables in research? चरों के प्रकार  Variable ( चर )- चर क्या होते हैं ( what are variables in research ) इस प्रश्न  का उत्तर इस प्रकार है - चर का तात्पर्य वस्तु घटना तथा चीज के उन गुणो से होता है , जिन्हे मापा जा सकता है ।  " किसी प्राणी ,वस्तु या चीज के मापने योग्य गुणों को चर कहते हैं " - D  Amato  चर होने के लिए अनिवार्य शर्त -  1-चर को मापा जाना संभव होना चाहिए ।  2-चरों का मापन मात्रात्मक (Quantitively)  या गुणात्मक (Qualitatively )होना चाहिए ।  जैसे - आयु , लंबाई , धर्म , भाषा , IQ ,परीक्षा परिणाम , सीखना आदि ।  अतींद्रिय प्रत्यक्षण (Extra Sensory perception) विभ्रम ( Hallucination )भ्रम (Illusion ) तीनों  ही मानव गुण हैं लेकिन इन्हे चर की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता क्योकि इनका यथार्थ मापन संभव नहीं है ।   चरों के प्रकार- ( संक्षेप में )- चरों को निम्न आधारों पर 3 प्रकारों में  बांटा गया है - A - कारणीय सम्बन्धों के आधार पर / On the basis of cause - effect relation - 1- निराश्रित चर / स्वतंत्र चर...

What is research data tools? in hindi - data collection tools -UGC NET । शोध में आँकड़े संग्रह की विधियाँ

  शोध समस्याओं का वैज्ञानिक रूप से अध्ययन करने के लिए और उससे संबन्धित आंकड़े इकट्ठे करने के लिए एक प्रश्न उठता है कि शोध में आंकड़ें एकत्र करने के लिए कौन-कौन सी विधियाँ हैं ? What is research data tools?  इसकी प्रमुख  विधियां इस प्रकार हैं - संक्षेप में / In Short - 1- प्रेक्षण विधि Observation Method  2- रेटिंग मापनी Rating Scale  3- प्रश्नावली अनुसूची Questionnaire and Schedule  4-  साक्षात्कार Interview  5- केस अध्ययन विधि / Case Study Method  6- विषय विश्लेषण Content Analysis  7- समाजमितिक विधि Sociometrical method  8-प्रक्षेपीय विधि / Projective method  9-अर्थगत विभेदक मापनी / Semantic Differential Scale  10- क्यू सार्ट विधि Q- Sort method  विस्तार पूर्वक वर्णन / In Detail-  1- प्रेक्षण विधि / Observation Method -   इस विधि में शोधकर्ता  व्यक्ति के व्यवहार / घटनाओं के दृश्य और श्रव्य पक्षों क्रमबद्ध ढंग से देख , सुनकर उसका रिकार्ड तैयार करता है।   इसमें शोध कर्ता ये देखता है कि लोग क्या क...