Skip to main content

Vernon s Hierarchical theory of Intelligence - बुद्धि का पदानुक्रमित सिद्धान्त

Vernon s Hierarchical theory of Intelligence - बुद्धि का पदानुक्रमित सिद्धान्त 

प्रतिपादक  - फिलिप बर्नन ( Philip Vernon )

  • इन्होने मानवीय योग्यताओं की संरचना प्रस्तुत की ।
  • इनके अनुसार मानवीय योग्यताएं एक क्रमिक ( Hierarchical ) रूप में प्रस्तुत होती हैं ।
  • इस क्रम व्यवस्था में क्रमशः -

सामान्य कारक -----मुख्य समूह कारक ( v : ed , k : m ) ------लघु समूह कारक (शाब्दिक ,आंकिक ,यांत्रिक ,प्रयोगात्मक ,स्थानिक)----- विशिष्ट कारक होते हैं।

1- सामान्य कारकGeneral Factor (G)  -सर्वाधिक व्यापक,सभी प्रकार के मानसिक कार्यों में सहायक होता है। 

2- मुख्य समूह कारक Major Group Factors -  

A - शाब्दिक व शैक्षिक योग्यताएँ ( Verbal and Educational abilities ) -   v : ed 

B - गतिक व यांत्रिक योग्यताएँ ( Kinetic and Mechanical abilities ) - k : m 

3- लघु समूह कारक Minor Group Factors - 

A - शाब्दिक 

B - आंकिक 

C - यांत्रिक सूचना 

D - प्रयोगात्मक 

E - स्थानिक 

4 -विशिष्ट कारक Specific Factors - विशिष्ट कार्यों के लिए उत्तरदायी । 

वर्नन ने इस सिद्धांत की पेड़ की संरचना से तुलना की है-


Comments

Popular posts from this blog

Types of research with examples in hindi-शोध के प्रकार -UGC NET

Types of research with examples in hindi-शोध के प्रकार    शोध एक व्यापक व अन्तः विषय (Inter disciplinary) विषय है  ।  शोध के विभिन्न प्रकारों के बीच काफी  परस्पर व्यापकता (overlapping)  है ।  अनुसंधान के विभिन्न प्रकारों का निम्न 6 आधारों पर वर्गीकरण  किया जा सकता है  -     (संक्षेप में / In Short) A परिणाम के आधार पर (On the basis of Output)- 1- मौलिक / प्राथमिक / आधारभूत/ शुद्ध शोध /fundamental / Primary / Basic/ Pure Research  - 2- व्यावहारिक / प्रयुक्त शोध /Applied Research 3- क्रियात्मक शोध / Action Research  B  उद्देश्यों के आधार पर -(On the basis of Objectives) 1- वर्णनात्मक / Descriptive शोध  इसके निम्न प्रकार होते हैं - I - घटनोत्तर / Ex - post Facto Research  II - एतिहासिक / Historical Research  III -विश्लेषणात्मक / Analytical Research  2- सहसंबंध शोध / Correlation Research 3- व्याख्यात्मक / Explanatory Research  4- अनुसंधान मूलक / समन्वेशी  / Exploratory Research  5- प्रय...

पर्यावरण अध्ययन । paryavaran adhyyan । environmental study

पर्यावरण अध्ययन । paryavaran adhyyan  उत्पत्ति - पर्यावरण को अँग्रेजी में Environment कहते हैं , जिसकी उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के Environer शब्द से हुई है।  जिसका अर्थ होता है समस्त बाह्य दशाएँ तथा हिन्दी में इसका अर्थ होता है परि + आवरण = जिससे चारों ओर(सम्पूर्ण जगत) घिरा हुआ है। पर्यावरण में जल,वायु,मृदा,पेड़,पौधे,जीव,जन्तुसब आ जाते हैं। पर्यावरण = Ecology(पारिस्थितिकी) +Ecosystem/पारिस्थितिकी तंत्र पारिस्थितिकीतंत्र=जीवमंडल,जैविकघटक-(उत्पादक,उपभोक्ता,अपघटक),अजैविकघटक-(कार्बनिक,अकार्बनिक,भौतिक)    विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तरों को संक्षिप्त,सारगर्भित व आसान भाषा में बिन्दु बार प्रस्तुत किया जा रहा है-  पर्यावरण की प्रमुख शाखाएँ - Ecology , Ecosystem और Biosphere   Ecology(पारिस्थितिकी)  के जनक - Ernst Haeckel -1866 Deep Ecology शब्द दिया - Arne Naess ने  Ecosystem(पारिस्थितिकी तंत्र) के जनक - Arthur Tansley - 1935  Ecology में अध्ययन किया जाता है- जीवों पर वातावरण का प्रभाव तथा उनके परस्पर संबंध का...

vedic period । वैदिक काल । बी एड E 102 । वैदिक काल एवं साहित्य BEd first year

वैदिक काल एवं साहित्य   2500 BC से 500 BC तक   वैदिक काल को दो भागों में बाँटा गया है - क - पूर्व वैदिक काल/ ऋगवैदिक काल  ( 2500 BC से 1000 BC तक ) ख - उत्तर वैदिक काल ( 1000 BC से 500 BC तक )  क -पूर्व वैदिक काल/ ऋगवैदिक काल  (2500 BC से 1000 BC तक )- इस काल में ऋग्वेद की रचना की गयी ।  ऋग्वेद के रचनाकार -विश्वामित्र,वामदेव,अत्री,भारद्वाज,वशिष्ठ ,भृगु ,अंगऋषि आदि हैं ।  ऋग्वेद मानव जाति  एवं विश्व की प्रथम पुस्तक मानी जाती है ।  ऋग्वेद में 10 मण्डल , 1028 श्लोक , 10600 मंत्र हैं ।  ऋग्वेद में पहला और 10वां मण्डल बाद में जोड़ा गया ।  ऋग्वेद के 10 वें मण्डल में पुरुष सूक्त है जिसमें चार वर्णों (ब्राह्मण,क्षत्रिय ,वैश्य ,शूद्र ) का उल्लेख है । ऋग्वेद के मुंडकोपनिषद में गायत्री मंत्र की रचना की गयी है ।  गायत्री मंत्र की रचना विश्वामित्र ने की थी ।  गायत्री मंत्र का उपवेद आयुर्वेद है। ऋग्वेद के परिवर्ती साहित्य -  1-- ब्राह्मण ग्रंथ  - प्रत्येक वेद की गद्य रचना को ब्राह्मण कहते हैं ।  ब्राह्मण ग्रंथ का विषय कर्...