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Backward Children - पिछड़े बालक

Backward Children - पिछड़े बालक

अर्थ (Meaning)- वे बालक जो शिक्षा प्राप्त  करने में सामान्य बालकों पिछड़ जाते हैं । अतः जो बालक अपनी कक्षा के अन्य बालकों से शैक्षिक  दृष्टि से पिछड़ जाते हैं उन्हे पिछड़ा बालक कहते हैं ।

  • पिछड़े बालकों का मंद  बुद्धि होना आवश्यक नही । 
  • औसत या तीव्र बुद्धि बालक भी पिछड़ा हो सकता है । 
  • केवल शैक्षिक दृष्टि से पिछड़ने वाले ही पिछड़े बालक होते हैं । 
पिछड़ेपन को ज्ञात करने का सूत्र -

पिछड़ेपन को शैक्षिक - लब्धि ( Educational Quotient)  द्वारा ज्ञात करते हैं । 

शैक्षिक - लब्धि (E. Q. ) = शैक्षिक आयु ( Educational Age )   X 100

                                          दैहिक आयु ( Chronological Age )

  •  जिस बालक की शैक्षिक लब्धि के 85 से कम होती है उसे पिछड़ा बालक कहा जा सकता है
 पिछड़ेपन के कारण - 
  • शारीरिक कारण 
  • पारिवारिक वातावरण 
  • आर्थिक कारण 
  • बुरे मित्रों की संगति 
  • अयोग्य अध्यापक 
  • निर्देशन का अभाव  आदि ।
पिछड़े बालकों की विशेषताएँ / पहचान -

  1. सीखने की धीमी गति । 
  2. I Q की तुलना में बालकों की शैक्षिक उपलब्धि / परीक्षा उपलब्धि प्रायः कम । 
  3. कक्षा एवं गृह कार्य को शीघ्रता से करने में असमर्थ होना । 
  4. जीवन के प्रति निराशा का भाव । 
  5. मानसिक रूप से अस्वस्थ रहते हैं । 
  6. असमायोजित व्यवहार करते है । 
पिछड़े बालकों की शिक्षा -

  • शारीरिक दुर्बलता को दूर करने के लिए संतुलित भोजन की व्यवस्था की जाए । 
  • आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए निशुल्क शिक्षा व्यवस्था , शिक्षण सामग्री एवं छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाए । 
  • अशिक्षित माता पिता को साक्षर बनाने के प्रयास किए जाएँ 
  • बालकों को कुसंगति से बचाया जाए । 
  • ऐसे बालकों पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दिया जाए । 
  • विशेष कक्षाओं की व्यवस्था की जाए । 

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