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Showing posts from January, 2022

CATTEL TRAIT THEORY - कैटेल का शील गुण सिद्धान्त

CATTEL TRAIT THEORY - कैटेल का शील गुण सिद्धान्त  प्रतिपादक - आर बी कैटेल  कैटल  ने सर्वप्रथम 4000 शील गुण शब्दों की सूची से 171 वर्णनात्मक पदों का चयन किया ।  फिर 171 पदों  से 35 वर्गों का निर्माण किया ।  इसके बाद कारक विश्लेषण ( Factor Analysis) नाम की संख्यकीय प्रविधि का प्रयोग करके व्यक्तित्व के 12 मूलभूत कारकों को ज्ञात किया ।  इन 12 मूलभूत कारकों को कैटेल ने व्यक्तित्व शील गुण  नाम दिया  जो  इस प्रकार हैं - CYCLOTHYMIA INTELLIGENCE  EMOTIONALLY MATURE  DOMINANCE  SURGENCY  SENSITIVE , IMAGINATIVE  TRAINED , SOCIALISED  POSITIVE INTEGRATION  CHARITABLE , ADVENTUROUS  NEURASTHEIA  HYPER SENSITIVE , INFATILE  SURGENT CYCLOTHYMIA  कैटेल के अनुसार शील गुण  निम्न प्रकार के होते हैं -   सामान्य शील गुण - जो सभी व्यक्तियों में पाये जाते हैं  विशिष्ट शील गुण - जो कुछ विशेष व्यक्तियों में पाये जाते हैं  - सतही शील गुण - व्यक्ति के व्यवहार से जल्दी दिख जाते हैं - ...

TRAIT THEORY OF PERSONALITY - व्यक्तित्व का शील गुण सिद्धान्त

TRAIT THEORY OF PERSONALITY - व्यक्तित्व का शील गुण सिद्धान्त  व्यक्तित्व के शील गुणों के आधार पर  दो प्रमुख सिद्धान्त इस प्रकार हैं -  1 - G . W Allport  का शील गुण सिद्धान्त  2- R.B Cattell का शील गुण सिद्धान्त  1 - G W Allport का शील गुण सिद्धान्त - आलपोर्ट ने शील गुणों को दो भागों में बांटा है - A - सामान्य शील गुण ( Common Traits) -  ऐसे शील गुण जो किसी समाज / संस्कृति के अधिकांश व्यक्तियों में पाये जाते हैं । इन्हे सरलता से ज्ञात किया जा सकता है । B - व्यक्तिगत शील गुण ( Personal Traits)-  ये शील गुण जो बहुत कम व्यक्तियों में पाये जाते हैं । इनका अध्ययन बहुत कठिन होता है । आलपोर्ट ने व्यक्तिगत शील गुणों की तीन प्रवृत्तियाँ बताई हैं - 1- प्रमुख प्रवृत्ति ( Cardinal Disposition )-    वे प्रमुख व प्रबल शील गुण जो छिपाए नही जा सकते एवं व्यक्ति के व्यवहार से परिलक्षित हो जाते हैं ।  जैसे - सत्य ,अहिंसा  में प्रबल विश्वास होना ।  2- केन्द्रीय प्रवृत्ति ( Central Disposition) -   वे शील गुण जो व्यक्ति में अधिक सक्रिय र...

GROWTH AND DEVELOPMENT

GROWTH AND DEVELOPMENT- Human development refers to the changes that occur in the people from conception till death . Physical, social, emotional and intellectual development are the important area of development ,which are influenced by both heredity and environment .   GROWTH-  It starts with single cell. It refers the specific body changes in ( size, shape, weight, structure , ) It is measurable. It is stops at maturation. Its quantitative in nature. It is a part of development. DEVELOPMENT - It is a life long Process of Physical, Behavioural , Cognitive and Emotional growth and change. Its a overall and progressive change in the organism. It is a organisational process. It Includes growth. It is qualitative in nature . "Both Growth and Development are correlated and dependent on each other." "Development is not limited to growing larger . Instead, it consists of a progressive series of changes towards the goal of maturity . Development results in new characteristics ...

Delinquent Child - Problematic Children - अपराधी बालक-समस्यात्मक बालक

Delinquent Child - Problematic Children - अपराधी बालक-समस्यात्मक बालक अर्थ (Meaning)- ऐसे बालक जो परिवार ,कक्षा या विद्यालय में भाँति - भाँति की समस्याएँ उत्पन्न करते हैं तथा ये स्वयं को ठीक ढंग से समायोजित नहीं कर पाते हैं जिससे वे अपने अध्यापकों के लिए समस्या बने रहते हैं ।  जैसे- चोरी करने वाले बालक , झूठ बोलने वाले बालक , क्रोध करने वाले बालक , विद्यालय से भाग जाने वाले बालक , गृह कार्य न करने वाले बालक , कक्षा में  देर से आने वाले  बालक आदि । अपराधपूर्ण / समस्यात्मक व्यवहार के कारण-  1- बालकों की आवश्यकताएँ  पूर्ति न होना ।  2- अत्यधिक लाड़ प्यार ।  3- अत्यधिक कठोर अनुशासन ।  4- असुरक्षा की भावना ।  5- परिवार / विद्यालय / समाज का दूषित अथवा तिरष्कार पूर्ण वातावरण अथवा व्यवहार  ।  उपचार / सुधार के उपाय - 1- बच्चों के साथ सहानुभूति पूर्ण एवं सहयोगात्मक व्यवहार ।  2- बच्चों की मूल प्रवृत्तियों का दमन न करना ।  3- बच्चो को प्रोत्साहन व पुरस्कार देना ।  4- बच्चों को मनोरन्जन के उचित अवसर दिये जाएँ ।  5- बच्चों के ...

Gifted - Superior-Talented-Rapid Learners-Bright Children -Brilliant Students - प्रतिभाशाली बालक

Gifted - Superior-Talented-Rapid Learners-Bright Children -Brilliant Students   प्रतिभाशाली  बालक  अन्य नाम - Superior / Talented / Rapid learner / Bright Children/ Brilliant Student   अर्थ - (Meaning)- ऐसे बालक जिनकी बुद्धिलब्धि सामान्य बालकों से अधिक होती है उन्हें प्रतिभाशाली बालक कहा जाता है ।  सामान्य तौर पर उच्च बुद्धि लब्धि( Intelligence Quotient )  130+ वाले बालकों को प्रतिभाशाली बालक कहा जाता है ।                                                     मानसिक आयु ( mental age) बुद्धि लब्द्धि  ( I Q )                    __________________________     X 100                                                     ...

Backward Children - पिछड़े बालक

Backward Children - पिछड़े बालक अर्थ (Meaning) - वे बालक जो शिक्षा प्राप्त  करने में सामान्य बालकों पिछड़ जाते हैं । अतः जो बालक अपनी कक्षा के अन्य बालकों से शैक्षिक  दृष्टि से पिछड़ जाते हैं उन्हे पिछड़ा बालक कहते हैं । पिछड़े बालकों का मंद  बुद्धि होना आवश्यक नही ।  औसत या तीव्र बुद्धि बालक भी पिछड़ा हो सकता है ।  केवल शैक्षिक दृष्टि से पिछड़ने वाले ही पिछड़े बालक होते हैं ।  पिछड़ेपन को ज्ञात करने का सूत्र - पिछड़ेपन को शैक्षिक - लब्धि ( Educational Quotient)  द्वारा ज्ञात करते हैं ।  शैक्षिक - लब्धि (E. Q. ) = शैक्षिक आयु ( Educational Age )    X 100                                           दैहिक आयु ( Chronological Age )  जिस बालक की शैक्षिक लब्धि के 85 से कम होती है उसे पिछड़ा बालक कहा जा सकता है   पिछड़ेपन के कारण -  शारीरिक कारण  पारिवारिक वातावरण  आर्थिक कारण  बुरे मित्रों की संगति  अयोग्य अध्यापक...

Exceptional children - Special Children -Mentally Retarded Children - बिशिष्ट बालक -मंद बुद्धि बालक

Exceptional children - Special Children -Mentally Retarded Children   बिशिष्ट बालक -मंद बुद्धि बालक- अर्थ- सामान्य बालक ( जिनकी शारीरिक , मानसिक, संवेगात्मक एवं सामाजिक क्षमताएँ लगभग समान स्तर की होती हैं ) से भिन्न बालक जिनकी क्षमताएं सामान्य बालकों से अधिक या कम होती हैं तथा उनके लिए विशेष प्रकार की शिक्षा व्यवस्था करनी पड़ती है ,उन्हे विशिष्ट बालक / अपवादात्मक या  असाधारण  बालक कहते  हैं  ।  परिभाषा - "विशिष्ट बालक वह है जो बौद्धिक ,शारीरिक ,संवेगात्मक ,अथवा सामाजिक  दृष्टि से सामान्य समझी जाने वाली वृद्धि व विकास से इतना भिन्न है कि वह नियमित विद्यालय कार्यक्रम से पूर्ण लाभ नहीं उठा सकता है तथा विशिष्ट कक्षा अथवा पूरक शिक्षण सेवाएँ चाहता है " - क्रुक शेङ्क ( Cruickshank)  विशिष्ट बालकों के मुख्य प्रकार ( Types of Exceptional Children ) -   1- मंद बुद्धि बालक ( Mentally Retarded Children ) 2-पिछड़े बालक ( Backward Children) 3- अपराधी बालक ( Delinquent Children) 4- मंद अधिगम बालक ( Slow Learner Children ) 5-प्रतिभाशाली बालक ( Gifted Chi...

Educational Psychology for Teachers and Teaching Learning - शिक्षक एवं शिक्षण में मनोविज्ञान की उपयोगिता

Educational Psychology for Teachers and Teaching Learning   शिक्षक एवं शिक्षण में मनोविज्ञान की उपयोगिता  शिक्षा मनोविज्ञान एक शिक्षक के लिए निम्न प्रकार सहायक है  - कक्षा में उपयुक्त शैक्षिक वातावरण उत्पन्न करने में सहायक ।       श्रेष्ठ शिक्षण विधियों के चयन में सहायक ।  छात्र व्यवहार समझने में सहायक ।  व्यक्तिगत विभिन्नताओं के ज्ञान में सहायक ।  मनोवैज्ञानिक तरीके से अनुशासन बनाए रखने में सहायक ।  पाठ्यक्रम ,विषय वस्तु एवं पाठ योजना के निर्माण में सहायक ।  निर्देशन व परामर्श में  सहायक ।  मापन व मूल्यांकन की नवीन विधियों के चयन में सहायक ।  शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षण प्रक्रिया में निम्न प्रकार सहायक है - बालक की विकास प्रक्रिया को समझने में ।  अधिगम की प्रकृति को समझने में ।  बालकों की समस्याओं को  समझने में ।  शिक्षण सहायक सामाग्री के चयन में  शैक्षिक प्रशासन को प्रभावी बनाने में ।  अनुकूल समय सारणी बनाने में ।  पाठ्य सहगामी क्रियाओं में ।  शिक्षण प्रक्रिया को सरल ...

Educational Psychology - Meaning, Definition and Scope - शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ परिभाषाएँ व क्षेत्र

  Educational Psychology - Meaning, Definition and Scope  शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ परिभाषाएँ व क्षेत्र-   शिक्षा मनोविज्ञान ( Educational Psychology) अर्थ (Meaning) - शैक्षणिक परिस्थितियों में मनोविज्ञान के सिद्धांतों व नियमों का मानव व्यवहार के अध्ययन में  प्रयोग ही शिक्षा मनोविज्ञान है।शैक्षिक समस्याओं का वैज्ञानिक व तर्कसंगत ढंग से समाधान करने के लिए मनोविज्ञान के आधारभूत सिद्धांतों का उपयोग करना ही शिक्षा मनोविज्ञान है ।  शिक्षाशास्त्र ( Education ) = व्यवहार का परिमार्जन करना (Modification of behaviour ) मनोविज्ञान (Psychology ) = व्यवहार का अध्ययन करना ( Study of behaviour ) शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology) = शैक्षिक परिस्थितियों में व्यवहार के परिमार्जन (सुधार)के लिए मानव  व्यवहार का अध्ययन करना ।  परिभाषायें - "मनोविज्ञान के सिद्धांतों व परिणामों  का शिक्षा के क्षेत्र मे अनुप्रयोग ही शिक्षा मनोविज्ञान है" -  कोलसनिक  "शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक के सीखने के अनुभवों का वर्णन व व्याख्या ...

School and scope of Psychology - मनोविज्ञान के संप्रदाय एवं कार्यक्षेत्र

School and scope of Psychology - मनोविज्ञान के संप्रदाय  एवं कार्यक्षेत्र  1- संरचनावाद ( Structuralism) - 1879- मानसिक संरचनाओं का अध्ययन - विलियम वुण्ट  2- प्रकार्यवाद ( Functionalism )- 1900 - मानसिक क्रियाओं एवं कार्यों का अध्ययन  - विलियम जेम्स  3- व्यवहारवाद ( Behaviorism) - 1912 - व्यवहार का अध्ययन - जे 0 बी 0 वॉटसन   4- समग्रवाद ( Gestaltism )        - 1912 - किसी विषय / वस्तु/ परिस्थिति को पूर्ण या समग्र रूप मे देखना - मैक्स                                                                        वर्दीमर, कोहलर , कोफ्फा  5- मनोविश्लेषणवाद ( Psycho Analysis )- 1900- अचेतन मानसिक प्रक्रियाओं का अध्ययन - सिगमंड फ्रायड  मनोविज्ञान के कार्यक्षेत्र ( Scope of Psychology)- 1- सामान्य मनोविज्ञान ( Normal Psychology ) 2- असामान्य मनोविज्ञान ( Abnor...

Psychology- Meaning - History and Definition - मनोविज्ञान - अर्थ इतिहास एवं परिभाषाएँ

Psychology- Meaning - History and Definition  मनोविज्ञान - अर्थ  इतिहास एवं  परिभाषाएँ    मनोविज्ञान ( Psychology)-  अर्थ (Meaning)-  मनोविज्ञान = मन / मस्तिष्क + विज्ञान = मन / मस्तिष्क  का विज्ञान ।  Psychology = psyche + logos ( यूनानी / ग्रीक / ग्रीस ) Psyche = आत्मा  Logos  = अध्ययन  अर्थात आत्मा का अध्ययन मनोविज्ञान आत्मा का अध्ययन है - गेरिट  मनोविज्ञान मन / मस्तिष्क का अध्ययन है - पोंपोलोजी  मनोविज्ञान का विकास - ( Development Of Psychology) जन्म - 5 वीं शताब्दी में  प्रारम्भ - दर्शन शास्त्र की शाखा के रूप में  मनोविज्ञान आत्मा का विज्ञान है -342 BC से 16 वीं शताब्दी तक - सुकरात , अरस्तू ,प्लेटो , गेरिट  मनोविज्ञान मन / मस्तिष्क का विज्ञान है - 16वीं शताब्दी से 17वीं शताब्दी तक -पोंपोलोजी ,थॉमस                                                          ...